hanuman chalisa Options
hanuman chalisa Options
Blog Article
[Saba=all; sukha=pleasure, pleasures; Lahai=keep; tumhari=in the; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be afraid]
Your browser isn’t supported any more. Update it to get the best YouTube working experience and our hottest functions. Learn more
शक्ति और समृद्धि का प्रतीक श्री दुर्गा बीसा यंत्र मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आज ही घर में स्थापित करें शक्तिशाली दुर्गा बीसा यंत्र!
Hanuman Chalisa is often a timeless ode to devotion Lord Hanuman is known for his devotion to Lord Ram and is also regarded as the embodiment of faith, surrender, and devotion.
भावार्थ – भूत–पिशाच आदि आपका ‘महावीर’ नाम सुनते ही (नामोच्चारण करने वाले के) समीप नहीं आते हैं।
भावार्थ – हे नाथ श्री हनुमान जी ! तुलसीदास सदा–सर्वदा के लिये श्री हरि (भगवान् श्री राम) के सेवक है। ऐसा समझकर आप उनके हृदय–भवन में निवास कीजिये।
Victory to Lord Hanuman, the ocean of wisdom and advantage. Victory to the Lord that is supreme One of the monkeys, illuminator with the 3 worlds.
◉ श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला चालीसा है.
kāndheKāndheShoulder mūnjiMūnjiMunja grass janeūJaneūSacred thread sājaiSājaiAdorn Meaning: You've got the vajrayudha (mace) and flag/banner inside your arms; sacred-thread fabricated from the munja grass decorates your shoulder.
The Peshwa era rulers in 18th century city of Pune offered endowments to a lot more Hanuman temples than to temples of other deities for example Shiva, Ganesh or Vitthal. Even in current time you will find much more Hanuman temples in the city and the district than of other deities.[118]
व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत hanuman chalisa जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।
व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।
In north India, an iconic representation of Hanuman such as a round stone has long been in use by yogis, as a way to aid concentrate on the abstract aspects of him.[106]
baranaubaranaunarrate/explain raghubararaghubaraLord Rama bimalabimalaclean/pure jasujasuglorify jojothat/which daayakudaayakugives phalaphalafruit chaarichaarifour